Tukant Shabd Kise Kahate Hain
Tukant Shabd Kise Kahate Hain: आज हम आपको इस पोस्ट में हम बात करेंगे तुकांत शब्द के बारे में, यह हिंदी व्याकरण का महत्वपूर्ण अंग है। “हिंदी व्याकरण” में शुद्ध हिंदी को लिखने के लिए अनेक नियम होते हैं। आज के इस पोस्ट में हम” तुकांत शब्द किसे कहते हैं? “Tukant Shabd Kya Hote Hain ,”तुकांत शब्द की परिभाषा “और उनके उदाहरण के बारे में विस्तृत चर्चा करेंगे जो विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में महत्वपूर्ण होते है।
तुकांत शब्द (परिभाषा और उदाहरण) | Tukant Shabd Kise Kahate Hain
तुकांत शब्द किसे कहते हैं
तुकांत शब्द वे शब्द होते हैं, जिनके अंतिम वर्ण समान होते हैं। जैसे कि” मिलना – जुलना” “रहन-सहन ” इन दोनों ही वर्ण में “ना / न ” वर्ण समान है। अतः यह तुकांत शब्द कहलाते हैं।
तुकांत शब्दों के उदहारण क्या हैं
खाना – पीना,नाचना – गाना,रोना – धोना,बाल – खाल,उमंग – तरंग,तंग – भंग,रात – बात,हाल – माल,मिलना – जुलना ।
ऊपर दिए गए शब्द दो-दो के जोड़ो में दिए गए तथा प्रत्येक जोड़े के शब्दों के अंतिम वर्ण समान हैं. अंत यह शब्द तुकांत शब्द कहलाते हैं।
तुकांत शब्द की परिभाषा
दूसरे शब्दों में कहते तो जो शब्द हमें सुनने में एक समान लगते है या सुनने में एक समान लगते हैं, वे शब्द भी तुकांत शब्द कहलाते हैं।
जैसे :- मेरा-तेरा,बात-रात, मान-जान, शौर्य-मौर्य आदि।
तुकांत शब्द का प्रयोग हिंदी साहित्य और काव्य में सुंदरता बढ़ाने के लिए किया जाता हैं। तुकांत शब्द काव्य और पध की शोभा बढ़ाते हैं। दूसरे शब्दों में यदि बात की जाए तो यह किसी पद या कविता की पंक्ति के आखिरी वर्ण की मात्रा सभी पंक्तियों में समान हो तो उसे हम तुकांत कहते हैं।
जैसे की :
प्रगतिशील स्वातन्त्र्य प्रेम की लौ जलती है ।
समता के अधिकारों की इच्छा पलती है ।।
इस समाज ने डाल दिये हैं जो भी बन्धन।
छिन्न भिन्न करने देखो ‘नारी’ चलती है ।।
tukant shabd kya hota hai
काव्य पंक्तियों के अंतिम भाग में पायी जाने वाली वर्णों की समानता को तुकान्त कहते हैं।
कविता के शिल्प में तुकान्त का विशेष महत्व है, इसलिए काव्य-साधना के लिए तुकान्त-विधान समझना आवश्यक है। आइए हम तुकान्त को समझने का प्रयास करें ।
तुकांत शब्द का उपयोग कहा होता हैं?
इसके साथ ही फ़िल्मी गानों में भी लय, सुर और तार को बनाए रखने के लिए तुकांत शब्द का प्रयोग होता हैं. जिसके उदाहरण निचे दिए गए हैं.
निचे दिए गए पद्य में दोनों पंक्तियों में ‘हो’ शब्द पंक्तियों के अंतिम में लगा हैं. जो पद्य की शोभा को बढ़ा रहे हैं. ‘हो’ शब्द यह तुकांत शब्द कहलाता हैं.
नया वर्ष कुछ ऐसा हो पिछले बरस न जैसा हो ।
घी में उँगली मुँह में शक्कर पास पर्स में पैसा हो । ।
निचे दिए गए पद्य में दोनों पंक्तियों में ‘ ला ’ शब्द पंक्तियों के अंतिम में लगा हैं. जो पद्य की शोभा को बढ़ा रहे हैं. ‘ला’ शब्द यह तुकांत शब्द कहलाता हैं.
क्या लम्बी यात्रा पर निकला पुरुष अकेला ।
बिन नारी क्या सृजित कर लिया जग का मेला ।।
एक अन्य बालीवुड फ़िल्मी गाने का उदाहरण लेते हैं।
लैला मैं लैला, कैसी मै लैला |
हर कोई मिलना चाहिए, मुझसे अकेला | |
Tukant Shabd
तुकांत शब्दों के उदाहरण
- सितार – गिटार
- विचार- विकार
- फूल- भूल
- धूल- शूल
- चंदन – नंदन
- कच्चा – पक्का
- बच्चा- सच्चा
- शादी- दादी
- खादी -लादि
- कौन – मौन
- वानर-जानर
- वाणी-पाणी
- भाषा-निराषा
- दिया-लिया
- वंदन- चन्दन
- माला- काला
- साला- पाला
- ताला- डाला
- बाल- लाल
- खाल- साल
Tukant Shabd In Hindi
- आया- गाया
- खाया- भाया
- पक्की – चक्की
- मक्की – लक्की
- ककड़ी – मकड़ी
- लकड़ी-पकड़ी
- नौका – मौका
तुकांत शब्द कोष
- सागर -गागर
- मीठी-पीठि
- मटका- लटका
- रानी – पानी
- सेना -वेना
- शोर – मोर
- पगड़ी- रगड़ी
- पाना- खोना
- मिलना – खिलना
- रंग- अंग
- नीला – पीला
- मेरा-तेरा
- जान-मान
- कचौड़ी- पकौड़ी
- हार – मार
- कार-तार
- थार- लार
- मुरारी – सुरारी
- कुमारी-पुजारी
- कुल – खुल
- पूल- धुल
- नथ- पथ
तुकांत शब्द
- चल- पल
- नल-जल
- चुनना – सुनना
- बुनना- गुनना
- थल – बल
- छल- चल
- आम- नाम
- खाना- पाना
- जाल – थाल, माल, साल
- झोली – बोली, गोली
- संग- भंग
- माल -साल
- झटका-अटका
- नानी -बानी
- वैसा -पैसा
- झगड़ी-तगड़ी
- कैसा – जैसा
- रोना-सोना
- पीला -ढीला
- दही-माहि
Tukant Shabd in Hindi
- हिरा- मीरा
- शिरा- खीरा
- राजू-काजू
- चौका- मौका
- दाना- नाना
- राजा- बाजा
- ताजा -माजा
- लेना -देना
- माता – छाता
- रजा -सजा
- आम- नाम
- काम -दाम
- खटिया- मचिया
- तकिया- मकिया
- मीरा – जीरा
- बाजू- लाजु
- झोला- गोला
- भोला- टोला
- गाडी -पाडी
- साड़ी- खाड़ी
Tukant Shabd Kise Kahate Hain
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तुकांत शब्दों की विशेषताएँ – Tukant Shabdo ki Visheshtaen
इन शब्दों के कारण कविता में रूकावट नहीं आती है और प्रवाह बना रहता है। तुकांत शब्द से कविता में एक लहर बनी रहती है
तुकांत शब्द
⇒ तुकांत शब्द
यह शब्द कविता की पंक्तियों के अंत में समान ध्वनि वाले शब्दों के रूप से बना होता । इन शब्दों से शब्द या शब्दों के अंत के बीच ध्वनि का संयोजन होता है। इन शब्दों का इस्तेमाल छोटी कविताओं सांग में किया जाता है। इसमें दो या दो से अधिक शब्दों में समान ध्वनि की पुनरावृति होती है।
जैसे-
“वह देखो माँ आज
खिलौनेवाला फिर से आया है”
“कई तरह के सुंदर-सुंदर
नए खिलौने लाया है।
संदर्भ :- wikipedia.org
तुकांत शब्द किसे कहते हैं
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